The पारद शिवलिंग का अभिषेक Diaries

ज्या घरात पारद शिवलिंगाची पूजा केली जाते त्या घरात पारिवारिक तंटे , बाधा , मानसिक टेंशन , इतर कोणतेही त्रास जास्त प्रमाणात त्रासदायक नसतील.

माना जाता है कि शिवजी परम भक्त रावण ने भी पारद शिवलिंग की पूजा से अपनी मनोकामनाएं पूरी की थी.

इन शिवलिंगों को रोजाना गंगाजल या साफ पानी से स्नान कराएं। इसके बाद, इन्हें सूखे, साफ कपड़े से पोंछ दें। आप चाहें तो इन्हें रुई में लपेटकर रख सकते हैं। धूप जलाने और दीप जलाने के दौरान इन शिवलिंगों को सीधे गर्मी से बचाएं। थोड़ी सी सावधानी और नियमित पूजा से आप इन शिवलिंगों के दिव्य प्रभाव को प्राप्त कर सकते हैं।

- कुशा जल से अभिषेक करने पर रोग व दु:ख से छुटकारा मिलता है।

उसके बाद आपको शिव जी की आरती करनी चाहिए और प्रसाद आदि लेना चाहिए।

अगर किसी व्यक्ति पर नकारात्मक शक्तियों का या ग्रहों के अशुभ प्रभाव का असर है तो पारद शिवलिंग को गंगाजल से स्नान कराएं और फिर गंगाजल को उस व्यक्ति पर छिड़क दें, ऐसा करने से सभी नकारात्मक चीजें दूर हो जाती हैं। साथ ही अगर आप उस गंगाजल को कार्यक्षेत्र या व्यापारिक स्थल पर छिड़क देते हैं तो उन्नति होती है और लाभ के नए अवसर भी प्राप्त होते हैं।

impressive astrological cures, strategies make happy married daily life, parad pyramid to appeal to peace and contentment, read more qualified astrologer in Noida, install energized marriage pyramid in your home

माना जाता है कि शिवलिंग को कभी भी अकेला नहीं रखना चाहिए। उसके साथ भगवान शिव के पूरे परिवार यानी माता पार्वती, गणेश जी और कार्तिकेय की तस्वीर रखनी चाहिए। घर के शिवलिंग में न कराएं प्राण प्रतिष्ठा

साथ ही आपको हाथ में चावल और फूल लेकर माता पार्वती का ध्यान करना चाहिए और चावल को शिवलिंग पर चढ़ा देना चाहिए।

Your browser isn’t supported any longer. Update it to obtain the finest YouTube experience and our newest features. Find out more

आपको बता दें कि इस शिवलिंग की पूजा करने से ना केवल माता पार्वती और शिव जी का आशीर्वाद नहीं मिलता बल्कि ग्रह दोष और पाप का भी अंत होता हैं।

पारद शिवलिंग खरीदने से पहले सुनिश्चित करें वह मिलावटी न हो जो आजकल बहुत हो रहा है। असली पारद  शिवलिंग आप इस लिंक से खरीदें. 

इसका वैज्ञानिक कारण ये भी है कि शिवलिंग ऊर्जा शक्ति का भंडार होती है और इसके आसपास के क्षेत्रों में रेडियो एक्टिव तत्वों के अंश भी पाए जाते हैं. महादेव के सभी प्रिय पदार्थ जैसे बिल्व पत्र, आक, धतूरा आदि इस एनर्जी को सोखने वाले होते हैं. इस एनर्जी को शांत रखने के लिए ही शिवलिंग पर लगातार जल चढ़ाया जाता है. यदि घर में बड़े शिवलिंग को रखा जाएगा तो इसका विपरीत असर लोगों पर पड़ सकता है.

शिवलिंग के शब्दिक अर्थ की बात की जाए तो शिव का अर्थ 'परम' कल्याणकारी है और लिंग का अर्थ 'सृजन' या 'प्रतीक' है। तो, शिवलिंग एक तरह से भगवान शिव का प्रतीक है। पुराणों के अनुसार शिवलिंग के मूल में ब्रह्मा, मध्य में भगवान विष्णु और ऊपर के भाग में भगवान शंकर विराजमान हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *